📦 दिव्य गोडंती भस्म 10 ग्राम — सम्पूर्ण जानकारी
📜 परिचय (Introduction)
गोडंती भस्म एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जो शुद्ध प्राकृतिक खनिज गोडंती पत्थर (Gypsum) को शोधन और भस्मीकरण की प्रक्रिया से तैयार की जाती है।
इसका उपयोग खासतौर पर सिरदर्द (माइग्रेन), बुखार, मानसिक तनाव, हड्डियों के रोग, और पित्त विकारों के लिए किया जाता है।
🌿 दोष नाशक प्रभाव (Effect on Doshas)
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पित्त दोष – शमन करता है
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वात दोष – नियंत्रित करता है
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कफ दोष – संतुलित रखता है
🌱 मुख्य गुणधर्म (Medicinal Properties)
गुण (Quality) | प्रभाव |
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शीतवीर्य | शरीर की गर्मी कम करता है |
पित्त शामक | पित्त विकारों में लाभकारी |
शूलहर | सिरदर्द, बदन दर्द, मरोड़ में राहत |
बल्य | कमजोरी और थकान दूर करता है |
ब्रह्मण | हड्डियों को पोषण देता है |
✅ मुख्य उपयोग (Indications)
📌 1️⃣ माइग्रेन और सिरदर्द
काफी तेज़ सिरदर्द, माइग्रेन और तनावजनित सिरदर्द में अत्यधिक लाभकारी।
📌 2️⃣ बुखार (Fever)
हर प्रकार के बुखार में विशेष रूप से पित्तजन्य ज्वर में शरीर की जलन और सिरदर्द कम करता है।
📌 3️⃣ हड्डियों की कमजोरी
हड्डियों को मज़बूत करता है और कैल्शियम की कमी को पूरा करता है।
📌 4️⃣ मानसिक तनाव और थकावट
दिमाग को ठंडक देता है, मानसिक तनाव कम करता है और शांति प्रदान करता है।
📌 5️⃣ अपस्मार (Epilepsy), मिर्गी
आयुर्वेद में इसे मन: शांति और मस्तिष्क बल्य औषधि माना गया है।
📌 सेवन विधि (Dosage & Method)
आयु | मात्रा | विधि |
---|---|---|
वयस्क | 125 mg – 250 mg | शहद, गुनगुने पानी या गोदुग्ध (गाय के दूध) के साथ |
बच्चे | चिकित्सक की सलाह अनुसार |
👉 दिन में 1-2 बार डॉक्टर की सलाह अनुसार।
⚠️ सावधानियाँ:
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चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करें।
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गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह न दें।
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अधिक मात्रा लेने पर कब्ज या अपच हो सकता है।
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हमेशा ठंडी, सूखी और अंधेरी जगह पर रखें।
📣 प्रमोशनल टैगलाइन (हिंदी में)
“तेज़ सिरदर्द और माइग्रेन का प्राकृतिक समाधान — पतंजलि दिव्य गोडंती भस्म!”
📦 पैकिंग और कीमत:
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पैकिंग: 10 ग्राम
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कीमत: ₹40-₹50 (लोकल स्टोर व ऑनलाइन के अनुसार)
📜 पारंपरिक उपयोग (Traditional Ayurvedic Uses)
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प्राचीन काल में तेज़ बुखार, बदन दर्द और सिरदर्द में इसके साथ शहद और गुलाबजल मिलाकर दिया जाता था।
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बच्चों के ज्वर में गुनगुने दूध के साथ हल्की मात्रा में दिया जाता था।
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हड्डियों के टूटने के बाद इसकी मदद से हड्डियों को शक्ति दी जाती थी।
🎁 स्पेशल टिप्स:
👉 माइग्रेन के रोगी को गुलकंद और गोदुग्ध के साथ रात्रि में सेवन कराने पर अत्यधिक लाभ।
👉 गर्मी के बुखार में इस भस्म को शीतल पेय (गुलाबजल या नारियल पानी) के साथ देना फायदेमंद।
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📖 दिव्य गोडंती भस्म 10 ग्राम — पूरी आयुर्वेदिक जानकारी
📌 क्या है गोडंती भस्म?
गोडंती भस्म एक शुद्ध प्राकृतिक औषधि है, जो गोडंती पत्थर (Gypsum stone) से बनाई जाती है। इसे कई बार गौदुग्ध (गाय का दूध), नींबू रस, गुलाबजल आदि में भिगोकर भस्मीकरण की प्रक्रिया से तैयार किया जाता है।
यह पाचन, दिमाग़, सिरदर्द, बुखार, और हड्डियों के लिए रामबाण मानी जाती है।
🌿 रासायनिक संघटन (Chemical Composition)
तत्व | अनुपात |
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कैल्शियम सल्फेट | मुख्य घटक |
ट्रेस मिनरल्स | सहायक |
🌱 औषधीय गुण (Therapeutic Properties)
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पित्त शामक (Pitta-Pacifying)
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शीतवीर्य (Cooling in Nature)
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दाहनाशक (Relieves Burning Sensation)
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शूलहर (Pain Reliever)
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ब्रह्मण (Strengthens Bones)
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मस्तिष्क बल्य (Brain Tonic)
✅ उपयोग (Indications)
📌 सिरदर्द और माइग्रेन
पुराना, तेज़ सिरदर्द, अधकपारी (माइग्रेन) में तुरंत असर करता है।
📌 पित्तजन्य बुखार
पित्त के कारण होने वाले तेज बुखार, शरीर में जलन, सिरदर्द में प्रभावी।
📌 हड्डियों की कमजोरी
कैल्शियम की कमी पूरी करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
📌 अनिद्रा, बेचैनी और मानसिक तनाव
दिमाग को ठंडक देकर नींद लाता है, तनाव कम करता है।
📌 मिर्गी, अपस्मार
मस्तिष्क को स्थिर करता है, दौरे की आवृत्ति कम करने में सहायक।
📌 कब्ज और पाचन विकार
हल्के पित्तजन्य पाचन विकार और एसिडिटी में लाभ।
📌 सेवन विधि (Dosage & Administration)
उम्र | मात्रा | कैसे लें |
---|---|---|
वयस्क | 125mg – 250mg | शहद, गुलकंद, गाय के दूध या गुनगुने पानी के साथ |
बच्चे | डॉक्टर की सलाह अनुसार |
👉 दिन में 1
⚠️ सावधानियाँ
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चिकित्सक की सलाह से ही लें।
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प्रेग्नेंसी और स्तनपान में बिना सलाह न लें।
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अधिक मात्रा में लेने से कब्ज, अपच, या जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।
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शुद्ध व विश्वसनीय स्रोत की ही भस्म का सेवन करें।
📣 प्रचार लाइन (Tagline)
“सिरदर्द हो या बुखार — दिव्य गोडंती भस्म से पाए तुरंत आराम!”
📦 उपलब्धता व दाम
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पैकिंग: 10 ग्राम
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कीमत: ₹40-₹50
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पतंजलि मेगा स्टोर, आयुर्वेद स्टोर
📜 पारंपरिक घरेलू प्रयोग
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पुराने ज़माने में इसे गुलाबजल और शहद के साथ सिरदर्द में तुरंत लाभ के लिए दिया जाता था।
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बुखार में शरीर की जलन और बेचैनी कम करने के लिए।
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बच्चों के तेज बुखार में हल्की मात्रा में शीतल पेय के साथ।
🎁 स्पेशल टिप्स
👉 माइग्रेन के रोगी को गुलकंद, गाय का दूध और गोडंती भस्म का सेवन रात को कराना अत्यधिक लाभकारी।
👉 पित्तजन्य बुखार में गुलाबजल के साथ देना उचित।
👉 कब्ज और जलन में ईसबगोल व गोडंती भस्म का संयोजन उत्तम।
📌 उपयोग के साथ अन्य सहयोगी औषधियाँ
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माइग्रेन में 👉 सौम्य वटी, सर्पगंधा वटी
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बुखार में 👉 महासुदर्शन चूर्ण, गिलोय घनवटी
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पाचन विकार में 👉 अविपत्तिकर चूर्ण
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