📦 दिव्य सप्तामृत लोह 10 ग्राम — सम्पूर्ण जानकारी
📜 परिचय (Introduction)
दिव्य सप्तामृत लोह एक आयुर्वेदिक हर्बल-मिनरल औषधि (Herbo-Mineral Medicine) है, जिसमें लौह भस्म (Iron calx) मुख्य घटक है। इसके साथ ही इसमें 7 औषधीय द्रव्य मिलाए जाते हैं, जिससे यह आँखों के रोग, रक्त की कमी (एनीमिया), पाचन विकार, सिरदर्द और शारीरिक कमजोरी में विशेष उपयोगी मानी जाती है।
आयुर्वेद में इसे रक्तवर्धक और नेत्ररोग नाशक रसायन कहा गया है।
🌿 सप्तामृत लोह के प्रमुख घटक (Ingredients)
घटक | गुण |
---|---|
लौह भस्म | रक्तवर्धक, शक्ति वर्धक |
आमलकी (आंवला) | त्रिदोष हर, रसायन |
हरितकी | पाचन सुधारक |
बिभीतकी | कब्ज नाशक |
यष्टिमधु (मुलेठी) | नेत्र रोग नाशक, वात-पित्त शामक |
त्रिफला | पाचन, नेत्र व मल प्रणाली सुधारक |
शहद या घृत | वाहक व बल्य |
🌱 औषधीय गुणधर्म (Medicinal Properties)
✅ रक्तवर्धक (Haematinic)
✅ रसायन (Rejuvenator)
✅ नेत्र रोग नाशक
✅ त्रिदोष शामक
✅ सिरदर्द व तनाव नाशक
✅ पाचन तंत्र सुधारक
✅ वात व पित्त नाशक
✅ प्रमुख उपयोग (Indications)
📌 1️⃣ आँखों के रोग (Eye Disorders)
धुंधला दिखना, जलन, नेत्र कमजोरी, रात में दिखाई न देना (नक्तान्धता) में लाभकारी।
📌 2️⃣ रक्ताल्पता (Anaemia)
शरीर में खून की कमी, चेहरे की पीलापन, कमजोरी में उत्तम।
📌 3️⃣ सिरदर्द, माइग्रेन
पित्तजन्य सिरदर्द, नेत्र विकार जनित सिरदर्द में फायदेमंद।
📌 4️⃣ अवसाद, थकावट
मानसिक तनाव, कमजोरी, थकावट में शक्ति प्रदान करता है।
📌 5️⃣ पाचन विकार
अजीर्ण, कब्ज, भूख न लगना में सहायक।
📌 सेवन विधि (Dosage & Method)
⚠️ सावधानियाँ
-
बिना चिकित्सक सलाह के लगातार लंबे समय तक सेवन न करें।
-
अधिक मात्रा में सेवन से कब्ज, अपच या जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।
-
गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर से सलाह लेकर लें।
📣 प्रमोशनल टैगलाइन (हिंदी में)
“खून बढ़ाए, आँखों को रोशनी दे — दिव्य सप्तामृत लोह से!”
📜 पारंपरिक घरेलू प्रयोग
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पुरानी आँखों की कमजोरी में शहद के साथ सेवन।
-
सिरदर्द में मिश्री और घृत के साथ।
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रक्ताल्पता में अनार के रस या आंवले के रस के साथ।
🎁 स्पेशल टिप्स:
👉 आँखों की रोशनी और खून की कमी दोनों में त्रिफला चूर्ण और सप्तामृत लोह का कॉम्बिनेशन सर्वोत्तम।
👉 रात को खाने के बाद गुनगुने दूध के साथ लेना नेत्रों के लिए लाभकारी।
👉 कब्ज में साथ में अविपत्तिकर चूर्ण उपयोग करें।
📖 दिव्य सप्तामृत लोह — सम्पूर्ण आयुर्वेदिक विशेष जानकारी
📜 औषधि का प्रकार
👉 रसायन, रक्तवर्धक, नेत्ररोग नाशक, लौह कल्प औषधि
सप्तामृत लोह का अर्थ है — सात अमृत समान द्रव्य मिलाकर बनी औषधि। इसका मुख्य उद्देश्य रक्त की वृद्धि करना, आँखों की रोशनी बढ़ाना और त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) को संतुलित करना है।
🌿 प्रमुख घटक (Ingredients & आयुर्वेदिक गुणधर्म)
द्रव्य | गुण (Ayurvedic Properties) |
---|---|
लौह भस्म | रक्तवर्धक, बल्य, त्वचा व नेत्र रोग नाशक |
हरितकी | त्रिदोष शामक, कब्ज नाशक, पाचन सुधारक |
बिभीतकी | नेत्र व पाचन विकार नाशक |
आंवला (आमलकी) | रसायन, नेत्र रोग नाशक, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला |
यष्टिमधु | शीतल, पित्त शामक, नेत्र शुद्धिकर |
त्रिफला | पाचन सुधारक, नेत्र व वात रोग नाशक |
घृत/शहद | वाहक, रसायन, बल्य, नेत्र ताजगी |
📙 आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णन
शारंगधर संहिता, भैषज्य रत्नावली व चरक संहिता में इसका उल्लेख मिलता है कि लौह भस्म और त्रिफला का योग नेत्र, रक्त और पाचन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी है।
🌱 औषधीय गुण (Medicinal Properties)
✅ रक्तवर्धक (Haematinic)
✅ नेत्ररोग नाशक (Eye Tonic)
✅ पाचन तंत्र सुधारक (Digestive)
✅ वात व पित्त शामक
✅ रसायन (Rejuvenator)
✅ सिरदर्द व मानसिक तनाव नाशक
✅ चिकित्सकीय उपयोग (Therapeutic Uses)
📌 नेत्र रोग में:
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धुंधला दिखना
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आंखों की जलन
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चश्मे का नंबर बढ़ना
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मोतियाबिंद की प्रारंभिक अवस्था
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रतौंधी (Night Blindness)
📌 रक्ताल्पता (Anemia)
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खून की कमी
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थकावट
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कमजोरी
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चक्कर आना
📌 सिरदर्द और माइग्रेन
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पित्तजन्य सिरदर्द
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आँखों के तनाव से होने वाला सिरदर्द
📌 पाचन विकार
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कब्ज
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अजीर्ण
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गैस
📌 सेवन विधि (Dosage & Method)
रोग | मात्रा | सेवन विधि |
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नेत्र रोग | 125mg से 250mg | शहद के साथ |
रक्ताल्पता | 250mg | अनार के रस या घी के साथ |
सिरदर्द | 125mg | मिश्री व घृत के साथ |
पाचन विकार | 250mg | गर्म पानी या त्रिफला चूर्ण के साथ |
👉 दिन में 1-2 बार, भोजन के बाद।
⚠️ सेवन में सावधानियाँ
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डाॅक्टर की सलाह से ही नियमित सेवन करें।
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गर्भवती महिलाएं सेवन न करें।
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अधिक मात्रा में सेवन से कब्ज, अपच, जी मिचलाना हो सकता है।
📣 प्रमोशनल टैगलाइन (हिंदी में)
“आँखों की रोशनी, खून की कमी और सिरदर्द का पुराना आयुर्वेदिक उपाय — दिव्य सप्तामृत लोह!”
“नेत्र रोग मिटाए, रक्त बढ़ाए — सप्तामृत लोह अपनाए!”
📦 उपलब्धता
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पैकिंग: 10 ग्राम
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कीमत: ₹35-₹45
🎁 स्पेशल टिप्स
👉 चश्मा नंबर बढ़ने पर सप्तामृत लोह + त्रिफला चूर्ण + शहद के साथ सेवन करें।
👉 खून की कमी में अनार का रस + सप्तामृत लोह दिन में 2 बार।
👉 कब्ज में अविपत्तिकर चूर्ण के साथ ले
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